नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अभी तक दो करोड़ से ज्यादा निर्माण श्रमिकों को तीन हजार करोड़ रुपये वितरित किए हैं। नियमित प्रेस ब्रीफिंग में गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया, 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सरकार ने 1.7 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज घोषित किया है और इसके तहत निर्माण श्रमिकों का भी हिस्सा है। करीब 3.5 करोड़ ऐसे श्रमिक पंजीकृत हैं और राज्य सरकारों को बताया गया था कि इस मद में करीब 31 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध हैं।
पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि राज्य सरकारों ने इस पर अमल शुरू कर दिया है और 31 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने एक हजार से छह हजार रुपये (निर्माण श्रमिकों के लिए) तक के नकद लाभ की घोषणा की है। दो करोड़ से ज्यादा श्रमिकों को करीब तीन हजार करोड़ की राशि दी गई है। करीब 29 लाख ऐसे श्रमिकों को खाद्य सहायता भी प्रदान की गई है। संयुक्त सचिव ने बताया कि राज्य सरकारों ने देश में 25 मार्च से जारी लॉकडाउन को लागू करने में ज्यादा सख्ती शुरू कर दी है और पुलिस सघन निगरानी कर रही है।
पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए प्रशासन सामुदायिक नेताओं की मदद भी ले रहा है। पुण्य सलिला ने बताया कि राज्य सरकारों के अधिकारी बाजारों और बैंकों जैसे सार्वजनिक स्थलों पर मार्किग करके या बैरीकेड लगाकर शारीरिक दूरी बनाने के लिए कदम उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि देश में आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही संतोषजनक है।आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी या जमाखोरी की आशंका के मद्देनजर गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 लागू करने और आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है। पुण्य सलिला ने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकारें स्टॉक सीमा तय करने, मूल्य निर्धारित करने, डीलरों के अकाउंट का निरीक्षण करने जैसे कदम उठा सकती हैं। उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि इन कदमों से लॉकडाउन को प्रभावशाली तरीके से लागू किया जाएगा।'